poetry घरोंदा...

तिन का -2 जोड के बनाया मैंने एक घरों दा, जाने कहा से तेज़ हवा आई या किसी ने रौंदा, मै तो समझाती रही गेरो को भी अपना, मेरा परिवार मेरी दुनिया, सिर्फ था छोटा सा एक यही सपना,

poetry Hastakshar (Signature)

बचपन की बाहों मे जिनसे सीखे थे अक्षर,  हस्ते -हस्ते रो दिए, कभी रो दिए जो हंसकर, 

poetry औकात

जो कहते थे, तेरी मेरे बिना औकात नही, जो मानते थे उसके सिवा मेरे जज़्बात नही, की अगर हठ गये मेरे पास से, तो मेरी कोई जात ना।

other-topics Being a working mother and a working single parent instills in you a sense of determination

We ask what is a single mother or who is called a single mother? Is she a woman with much strength and love or pain and fear?