भाई दूज, जिसे भौ बीज भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग में एक खास स्थान रखता है और यह दिवाली के उत्सव का समापन करता है, हिन्दू कैलेंडर में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि के रूप में साझा होता है। इसे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, और इस बार भाई दूज 2023 को 15 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। यह एक त्योहार है जो भाई-बहन के बीच के प्यार और बंधन को समर्थन करता है, और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में यह विभिन्न रूपों में मनाया जाता है।
भाई दूज का महत्व और रीति-रिवाज:
भाई दूज हिन्दू सांस्कृतिक में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जो भाई-बहन के बीच के गहरे रिश्ते को प्रतिष्ठानित करता है। इस शुभ दिन पर, बहनें अपने भाई की माथे पर तिलक समारोह करती हैं, जिसमें रोली और हल्दी से सजीव होता है। यह रीति-रिवाज उनके भाइयों के लिए भलाइयत और दीर्घायु की प्रार्थना है। उत्तरदाता के रूप में, भाइयों ने समझदार उपहारों के माध्यम से अपना प्रेम व्यक्त किया है।
भारत में उत्सव का अनुसरण:
हालांकि भाई दूज की सार्थकता स्थायी है, इसका उत्सव भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में, इसे फोटा के नाम से जाना जाता है, जहां बहनें उपवास रखती हैं, तिलक समारोह करती हैं, और उनके भाइयों को उनका वापसी उपहार मिलने से पहले खाना प्रदान करती हैं। महाराष्ट्र और गोवा में, इसे भाऊ बीज कहा जाता है, जहां बहनें समारोह समाप्त करने के लिए सांझ को तिलक करती हैं और अपने भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज पूजा रीतिरिवाज:
दिन उसी के साथ शुरू होता है जिस पर भाई और बहन दोनों पारंपरिक पहनावे में हैं। जिन्होंने लड्डू गोपाल जी और भगवान गणेश को अपने भाइयों के रूप में माना है, उनके लिए दिन विशेष तिलक के साथ शुरू होता है। बहनें अपने भाइयों के लिए नमकीन, भोजन और मिठाई की एक बढ़िया साजगोज का आयोजन करती हैं, जिससे एक उत्साही वातावरण बनता है। तिलक, सूखा नारियल और उपहार का अदला-बदला के बाद, भलाइयत और दीर्घायु की प्रार्थना का प्रतीक होता है।
भाई दूज 2023 के बारे में FAQ:
Q. 2023 में भाई दूज कब है?
A. भाई दूज 2023 को 15 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा।
Q. भाई दूज क्यों मनाया जाता है?
A. लोग इस पुण्यकालीन भाई बहन के रिश्ते का उत्सव मनाते हैं। बहनें अपने भाइयों के लिए तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हैं।
समापन:
जैसे कि 2023 में भाई दूज आता है, हमें भाई-बहन के रिश्तों और उन परम्परागत पर्वों की गर्माहट को अपनाने का समय है जो इस त्योहार को विशेष बनाते हैं। तिलक समारोह के दौरान प्रेम, आशीर्वाद और विचारशील उपहारों की आदान-प्रदान से हमारे भाई-बहन के बीच के अटूट बंधन को दर्शाते हैं, जो भाई दूज को वास्तविक रूप से ह्रदयस्पर्शी और आनंदमय उत्सव बनाता है।
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